2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामला
2012 दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामला भारत की राजधानी दिल्ली में 16 दिसम्बर 2012 को हुई एक बलात्कार तथा हत्या की घटना थीए जो संचार माध्यम के त्वरित हस्तक्षेप के कारण प्रकाश में आयी। 30 दिसम्बर 2012 को उसका शव दिल्ली लाकर पुलिस की सुरक्षा में जला दिया गया।ख्2, इस कृत्य की निन्दा करते हुए सोशल मीडिया में ट्वीटर फेसबुक आदि पर काफी कुछ लिखा गया। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए जिसमें नई दिल्लीए कलकत्ता औरबंगलौर में हुए प्रदर्शनों उल्लेखनीय हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि नई दिल्ली में यौन अपराधों की दर अन्य मैट्रोपॉलिटन शहरों के मुकाबले सर्वाधिक ;प्रति 18 घण्टे पर लगभग एक बलात्कारद्ध है। इससे पूर्व भारत की एक मात्र महिला राष्ट्र्पति प्रतिभा पाटिल सुप्रीम कोर्ट द्वारा बलात्कार के पाँच मामलों में दी गयी फाँसी की सजा को माफ करके उम्रकैद में बदल चुकी हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी निन्दा हुई। इसके परिणाम स्वरूप कई कड़े कानून संसद में पारित किये गए हैं।11 मार्च 2013 राम सिंह नामक मुख्य आरोपी ने सुबह तिहाड़ जेल में आत्म.हत्या कर लिया।ख्3, हालाँकि राम सिंह के परिवार वालों तथा उसके वकील का मानना है कि उसकी जेल में हत्या की गयी है। 14 सितम्बर 2013 को इस मामले के लिये विशेष तौर पर गठित त्वरित अदालत ने चारो वयस्क दोषियों को फाँसी की सज़ा सुनायी।
पीड़िता
| पीड़िता निर्भया |
निर्भया के दोषियों को दिनांका 20 मार्च 2020 को दे दी गयी
प्रतिक्रिया
निर्भया की घटना के बाद महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध पर नए सिरे से एक नई बहस शुरू हुई। इस घटना के विरोध में पूरे देश में उग्र व शान्तिपूर्ण प्रदर्शन हुए। सोशल मीडिया में ट्वीटरए फेसबुक आदि पर काफी कुछ लिखा गया। यहाँ तक कि महिलाओं की सुरक्षा सियासत का गेमचेंजर अजेंडा बन गयी बार और सभी दलों के ऊपर उनके सरोकारों के साथ खुद को दिखाने का सामाजिक दबाव भी पड़ा। यही कारण था कि सरकार ने जस्टिस वर्मा को कानून में बदलाव करने के लिए सिफारिश करने को कहा। इसमें पहली बार बलात्कार करने वाले अपराधियों को मौत की सजा देने का प्रावधान किया गया। संसद ने अभूतपूर्व तरीके से इसे एकमत से पास किया।ख्5,16 दिसम्बर की घटना के बाद पूरे देश में जागरूकता भी बढ़ी है। महिलाएं भी अपने प्रति हो रहे अन्याय के खिलाफ अब आवाज उठाने में हिचकिचा नहीं रही हें। नए कानून से उन्हें मदद भी मिल रही है।
इस घटना के बाद उषा मेहरा कमिशन का गठन हुआए जिसने सुरक्षा जैसे मुद्दों पर तमाम जिम्मेदार विभागों में संवाद की कमी और इसे कैसे दूर किया जाय से संबंधित अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।ख्6,
महिला बाल विकास मंत्रालय ने महिला सुरक्षा के लिए 24 घंटे हेल्प लाइन नंबर की शुरूआत की।
मिनिस्ट्री ऑफ आईटी ने महिला सुरक्षा से कई गैजट बनाने की शुरूआत की जो जल्द ही बाजार में आएंगे।
सरकार ने महिला बैंक की शुरूआत की।
सरकार ने इसी घटना के बाद निर्भया फंड की शुरूआत की।ख्7,
तमाम राजनीतिक दलों के अजेंडे में महिला सुरक्षा पर फोकस गया।
दिल्ली सरकार ने हेल्पलाइन नंबर 181 शुरू किया।
मुख्य आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्म.हत्या कर लियाख्8,और विशेष तौर पर गठित त्वरित अदालत के द्वारा चारो वयस्क दोषियों को फाँसी की सज़ा सुनायी गयीए जबकि एक आरोपी को स्कूली प्रमाणपत्र के आधार पर नाबालिग मानते हुए उसे तीन साल किशोर सुधार गृह में रहने की सजा दी गई है।
बदलाव
2012 के मुकाबले इस साल राष्ट्रीय महिला आयोग को बलात्कारए छेड़खानी और घरेलू हिंसा जैसे मामलों की दोगुनी शिकायतें मिली हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद दिल्ली दूसरे नंबर पर है।ख्10,सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में जीपीएस तो लगने लगेए उनके जरिये गाड़ियों की मॉनिटरिंग का कोई ठोस तंत्र अब तक नहीं बन पाया है। ऑटो वालों की मनमानी कायम है। राष्ट्रीय वाहन सुरक्षा तथा ट्रैकिंग प्रणालीख्11,
एकीकृत कंप्यूटर एडेड डिस्पैच प्लेटफार्म की स्थापना को मंजूरी।ख्12,
मरणोपरांत सम्मान
रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार ;2012द्ध भारत के राष्ट्रपति के द्वाराख्13,राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय महिला आयोग के लिए नए भवन ष्ष्निर्भया भवनष्ष् की आधारशिला रखी।ख्14,
इंटरनेशनल वुमन ऑफ करेज अवार्डए 2013. अमेरिका द्वारा।
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